औरों की बात की छोड़ दो
खुद से ही खुद के गम छिपाते देखा है
ये सच है कुछ लोग को मैंने अकेले में भी मुस्कुराते देखा है
ये कहानी है एक ऐसे बच्चे की
जिसकी माँ तो जा चुकी है पर उसके लिए अभी उसके साथ है
मेरे पीठ को थपथपाते तेरे हाथ
याद आते है जब भी उठती है तेरी बात
मेरे हर छोटी भूल हर गुस्ताखी पर
याद आते है तेरी वो घंटो डांट
मै जब भी गिर जाता खरोंचे आ जाती है
तेरी जादू वाली फूंक हमेशा काम आती है
जब भी पापा की ऊँगली पकड़ के चलता हूँ
दूजे हाथों को तेरी ऊँगली खल जाती है
जब भी सोया न मै आधी में होकर बेचैन तू मुझको सुलाती है
कहते है वो तू तारों में जा बैठी है , माँ क्या इसलिए तू मुझे सुलाने नहीं आती है
माँ तेरी याद आती है,
नन्हे हाथों को ऊँगली पकड़ के लिखना सिखाया तूने
मेरे भूलों को भी मिटाना बताया तूने , पर अब मैं अकेला किताबों संग हूँ ,
अब मैंने जाना की गलती क्यों अक्सर हो जाती है
जब भी शीशे में खुद को देखता हूँ, सर पे मेरे हाथ फेरे तू कड़ी पास मेरे नजर आती है
अब ना रहे तू , कहते है समझाते है , फुसलाते है मुझे ,
पर जान तेरी देख ना माँ , तेरी जान में अभी बाकी है
ये कहानी है एक ऐसे बच्चे की
जिसकी माँ तो जा चुकी है पर उसके लिए अभी उसके साथ है
मेरे पीठ को थपथपाते तेरे हाथ
याद आते है जब भी उठती है तेरी बात
मेरे हर छोटी भूल हर गुस्ताखी पर
याद आते है तेरी वो घंटो डांट
मै जब भी गिर जाता खरोंचे आ जाती है
तेरी जादू वाली फूंक हमेशा काम आती है
जब भी पापा की ऊँगली पकड़ के चलता हूँ
दूजे हाथों को तेरी ऊँगली खल जाती है
जब भी सोया न मै आधी में होकर बेचैन तू मुझको सुलाती है
कहते है वो तू तारों में जा बैठी है , माँ क्या इसलिए तू मुझे सुलाने नहीं आती है
माँ तेरी याद आती है,
नन्हे हाथों को ऊँगली पकड़ के लिखना सिखाया तूने
मेरे भूलों को भी मिटाना बताया तूने , पर अब मैं अकेला किताबों संग हूँ ,
अब मैंने जाना की गलती क्यों अक्सर हो जाती है
जब भी शीशे में खुद को देखता हूँ, सर पे मेरे हाथ फेरे तू कड़ी पास मेरे नजर आती है
अब ना रहे तू , कहते है समझाते है , फुसलाते है मुझे ,
पर जान तेरी देख ना माँ , तेरी जान में अभी बाकी है
About Me
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Nullam lobortis hendrerit est, a vehicula dolor pulvinar quis. Quisque imperdiet placerat risus. Read More
Popular Posts
-
औरों की बात की छोड़ दो खुद से ही खुद के गम छिपाते देखा है ये सच है कुछ लोग को मैंने अकेले में भी मुस्कुराते देखा है
-
ये कहानी है एक ऐसे बच्चे की जिसकी माँ तो जा चुकी है पर उसके लिए अभी उसके साथ है मेरे पीठ को थपथपाते तेरे हाथ याद आते है जब भी उठती है ते...
-
उन लहरों के इंतज़ार में मै आज भी यहाँ बैठे रहती हूँ जिनके किस्मत में तेरे कदमो के निशाँ थे
Labels Cloud
Labels List Numbered
Search This Blog
Blog Archive
- October 2020 (4)
Contributors
Patience of love | Quote | Audible HindiQuote on Love 2020
उन लहरों के इंतज़ार में मै आज भी यहाँ बैठे रहती हूँ जिनके किस्मत में तेरे कदमो के निशाँ थे